UP DELED 3rd Semester Syllabus 2023-24 BTC Subject wise Full Syllabus
आज के इस पोस्ट मे हम आप सभी को बीटीसी/DELED 3rd सेमेस्टर के सम्पूर्ण सिलैबस को देखेंगे की इसमे कितनी विषय होती है और कितने नंबर का होता है। साथ मे कौन कौन से टॉपिक पूछे जाते है और कितने नंबर पे pass/fail होता है।
UP DELED 4th सेमेस्टर पाठ्यक्रम
क्रम सं | विषय | अंक |
1 | शैक्षिक मूल्यांकन | 50 |
2 | समावेशी शिक्षा | 50 |
3 | विज्ञान | 25 |
4 | गणित | 25 |
5 | सामाजिक विज्ञान | 50 |
6 | हिन्दी | 25 |
7 | कम्प्युटर | 25 |
8 | संस्कृत | 25 |
नोट :
- परीक्षा हिन्दी माध्यम मे होगी।
- सभी विषय के लिए उत्तीर्णांक के लिए 50 % अंक होने चाहिए।
फेल/पास के नियम
DELED मे बैक बहुत ही ज्यादा लगती है इसलिए तैयारी बहुत अच्छे से करे। बाकी मैं आपको बताने वाला हूँ की किस विषय मे कितने नंबर की अवश्यकता है सबसे पहले ध्यान ये देना है की जितनी भी विषय जिनका पूर्णांक 50 नंबर का है उन विषय मे 25 नंबर लाना अनिवार्य है और जिन विषय का पूर्णांक 25 नंबर का उन विषय मे 12 नंबर लाना अनिवार्य है और अगर क्रमशः 25,12 नंबर से कम आते है तो आपका back लग जाएगा उस विषय मे।
imp fact :- यदि आपका किसी 3 विषय मे बैक लग जाता है तो आपका पूरा सेमेस्टर back माना जाएगा और आपको फिर से पूरा सेमेस्टर की परीक्षा देनी पड़ेगी। यदि सिर्फ 1 या 2 विषय मे बैक लगती है तो सिर्फ उन्ही विषय की परीक्षा देनी पड़ेगी जिनमे बैक लगा है।
सभी विषय का टॉपिक wise syllabus
शैक्षिक मूल्यांकन
• शैक्षिक मापन का अर्थ मूल्यांकन की संकल्पना
• मूल्यांकन के उद्देश्य
• मूल्यांकन के क्षेत्र
• मूल्यांकन की प्रशासनिक आवश्यकता
• मूल्यांकन की शैक्षिक आवश्यकता मूल्यांकन की शैक्षिक अनुसंधान में आवश्यकता
• सामाजिक दृष्टिकोण से मूल्यांकन की आवश्यकता
• परीक्षण एवं मापन में अन्तर
• दक्षता आधारित मूल्यांकन
• व्यापक मूल्यांकन
सतत मूल्यांकन एवं महत्व
सतत मूल्यांकन के कार्य-प्रणाली एवं सोपान
• सतत मूल्यांकन का क्षेत्र
• संज्ञानात्मक
• भावात्मक
कौशलात्मक एवं व्यवहारात्मक
• मौखिक परीक्षा
लिखित परीक्षा
साक्षात्कार /निरीक्षण / अवलोकन / प्रायोगिक
रचनात्मक मूल्यांकन
• आंकलित मूल्यांकन
• योजना निर्माणब्लूप्रिन्ट, सम्पादन तथा अंक निर्धारण
• प्रश्नों के प्रकार (वस्तुनिष्ठ, अतिलघुउत्तरीय, लघुउत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय)
• शैक्षिक उद्देश्यों के अनुसार प्रश्नों के पक्ष (ज्ञान, बोध, अनुप्रयोग, कौशल)
• शोध का अर्थप्रकार, उद्देश्य, आवश्यकता एवं महत्व
• क्रियात्मक शोध के क्षेत्र
क्रियात्मक शोध के चरण एवं प्रारूप निर्माण
• क्रियात्मक शोध उपकरण निर्माण क्रियात्मक शोध का सम्पादन / अभिलेखीकरण
• शिक्षा में नवाचार का अर्थ, आवश्यकता एवं महत्व
• शैक्षिक नवाचार के क्षेत्र (शिक्षण अधिगम के सुधार हेतु स्थानीय समुदाय / परिवेश के संसाधनों की पहचान और उनका उपयोग कर मूल्यांकन, प्रार्थना स्थल की गतिविधि, पाठ्य सहगामी क्रियाकलाप, सामुदायिक सहभागिता, विद्यालय प्रबंधन, विषयगत कक्षा-शिक्षण समसामयिक दृष्टान्त, लैब एरिया।
समावेशी शिक्षा एवं विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा, निर्देशन एवं परामर्श
• शैक्षिक समावेशन से अभिप्राय, पहचान, प्रकार, निराकरण । यथाः अपवंचित वर्ग, भाषाधर्मजाति, क्षेत्रवर्णलिंग, शारीरिक दक्षता (दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं वाक्/अस्थिबाधित), मानसिक दक्षता
• समावेशन के लिए आवश्यक उपकरणसामग्री, विधियाँ, टी०एल०एम० एवं अभिवृत्तियाँ
* समावेशित बच्चों का अधिगम जाँचने हेतु आवश्यक टूल्स एवं तकनीकी
• समावेशित बच्चों के लिए विशेष शिक्षण विधियाँ। यथा-ब्रेललिपि आदि
* समावेशी बच्चों हेतु निर्देशन एवं परामर्श- अर्थ, उद्देश्य, प्रकार, विधियाँ, आवश्यकता एवं क्षेत्र
• परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग / संस्थाएँ
मनोविज्ञानशाला उ०प्र०, इलाहाबाद
मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र (मण्डल स्तर पर)
जिला चिकित्सालय
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षत डायट मेण्टर
पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण तन्त्र
समुदाय एवं विद्यालय की सहयोगी समितियाँ
सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन
* बाल-अधिगम में निर्देशन एवं परामर्श का महत्व
गणित
इकाई का नाम
1. अनुपात, समानुपात, अनुलोम एवं प्रतिलोम समानुपात का अर्थ
2. समानुपाती राशियों में बाह्य पदों एवं मध्य पदों के गुणनफल में सम्बन्ध
3. घातांक की अवधारणा
4. पूर्णांक तथा परिमेय संख्याओं को (धनात्मक आधार पर) घातांक के रूप में लिखना
5. सरल व चक्रवृद्धि ब्याज की संकल्पना
6. सरल ब्याज, सूत्र तथा चक्रवृद्धि मिश्रधन का सूत्र एवं अनुप्रयोग
7. बैंक की जानकारी, बैंक में खाता खोलना तथा खातों का प्रकार
8. लघुगणक की जानकारी घातांक से लघुगणक तथा इसका विलोम 51
9. शेयर, लाभांश
10. समुच्चय की संकल्पना, लिखने की विधियाँ समुच्चय के प्रकार (सीमित, असीमित, एकल, रिक्त) समुच्चयों का संघ, अन्तर तथा सर्वनिष्ठ समुच्चय ज्ञात करना
11. चर राशियों का गुणनखण्ड, दो वर्गों के अन्तर के रूप के व्यंजकों का गुणनखण्ड, द्विघातीय त्रिपदीय व्यंजकों का गुणनखण्ड
12. बीजगणितीय व्यंजकों में एकपदीय तथा द्विपदीय व्यंजकों से भाग
13. अवर्गीकृत आँकड़ों के माध्य
14. आयतन एवं धारिता की संकल्पना तथा इकाइयाँ
15. घन, घनाभ की अवधारणा तथा इनका आयतन एवं सम्पूर्ण पृष्ठ
17. वृत्त खण्ड का कोण
16. वृत्तखण्ड एवं त्रिज्याखण्ड की अवधारणा
18. वृत्त के चाप द्वारा वृत्त के केन्द्र तथा परिधि पर बने कोणों का सम्बोध एवं इनका पारस्परिक सम्बन्ध
19. वृत्त की छेदक रेखा, स्पर्श रेखा तथा स्पर्श बिन्दु की अवधारणा
20. वृत्त पर दिये गये बिन्दु से स्पर्श रेखा खींचना
सामाजिक अध्ययन
• भारत में मुगल साम्राज्य-बाबर, हुमायूँ व उसकी स्वदेश को पुनः वापसी-शेरशाह का उदय, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ, औरंगजेब व मुगल साम्राज्य का पतन
* मुगलों का प्रशासनिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, कलात्मक एवं आर्थिक क्षेत्र में योगदान ।
• मराठा शक्ति का अभ्युदय-शिवाजी, अट्ठारहवी शताब्दी में भारत की स्थिति
• भारत में यूरोपीय शक्तियों का प्रवेश एवं ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना, पुर्तगाली, डच, अंग्रेज, फ्रांसीसी ।
• भारत की सत्ता के लिए यूरोपीय शक्तियों में संघर्ष – प्रथम, द्वितीय व तृतीय
कर्नाटक युद्ध, डूप्ले की नीति, प्लासी का युद्ध, बक्सर का युद्ध, इलाहाबाद की संधि
• भारत में अंग्रेजी साम्राज्य की स्थापना राबर्ट क्लाइव, वारेन हेस्टिंग्ज, लार्ड nt कार्नवालिस, लार्ड वेलेजली, लार्ड विलियम बेंटिक, लार्ड डलहौजी
• जीव मण्डल-प्राकृतिक प्रदेश एवं जनजीवन (शीत कटिबन्धीय प्रदेश, उष्ण कटिबन्धीय प्रदेश, शीतोष्ण कटिबन्धीय प्रदेश, जलवायु, वनस्पति, जीवजन्तु, मानव जीवन), उद्योग धंधे ।
• भूखण्डों का विभाजन-एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका-सामान्य परिचय, जनसंख्या का विस्तार एवं घटक ।
• विश्व में प्राकृतिक संसाधन, यातायात तथा संचार के साधन, खनिज सम्पदा
• मनुष्य की आवश्यकता तथा उसकी पूर्ति हेतु प्रयत्न की दिशा में प्राकृतिक सम्पदा का उपयोग एवं संरक्षण ।
* हमारा भारत-प्राकृतिक एवं राजनैतिक इकाईयां, हमारी प्राकृतिक सम्पदा और उनका सदुपयोग ।
• हमारी खनिज सम्पदा, शक्ति के साधन, कृषि और सिंचाई, आयात-निर्यात ।
• सरकार के अंग-शक्ति का पृथक्करण, शक्तियों का बंटवारा – केन्द्र सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची के प्रमुख विषय ।
. लोकसभा-सदस्यों की योग्यताएं, कार्यकाल, पदाधिकारी, अधिवेशन व कार्य
राज्यसभा सदस्यों की योग्यताएं, कार्यकाल, पदाधिकारी, अधिवेशन व कार्य।
राष्ट्रपति-चुनाव, कार्यकाल, महाभियोग, शक्तियाँ, मंत्रिपरिषद् ।
कानून बनाने की प्रक्रिया-साधारण बहुमत, विशेष बहुमत।
• कार्यपालिका – प्रधानमंत्री व मंत्रिपरिषद्-चुनाव कार्य, संसद का मंत्रिपरिषद् पर नियंत्रण ।
* न्यायपालिका-न्यायालय के प्रकार-
• जनपद स्तरीय न्यायालय
उच्च न्यायालय
उच्चतम न्यायालय
* न्यायाधीशों की योग्यताएं, कार्यकाल
उच्चतम न्यायालय के अधिकार
लोक अदालत
जनहित वाद
• भारतीय वित्त व्यवस्था व बजट-कर व उसके प्रकार, केन्द्र व राज्यों के मध्य करों का बँटवारा, केन्द्र सरकार की आय-व्यय के स्रोत, राज्य सरकार की आय-व्यय की मदें, सरकार द्वारा शिक्षा के दृष्टिकोण से बजट 2013-14 में रखे गये बिन्दु
• पंचवर्षीय योजनाएं – क्या, पिछली 11वीं पंचवर्षीय योजनाओं के मुख्य बिन्दु, वर्तमान में 12 वीं पंचवर्षीय योजना- विशेषकर शिक्षा के दृष्टिकोण से
• भारतीय आधुनिक बैंकिग व्यवस्था- बैंक व उनके प्रकार भारतीय रिजर्व बैंक, स्टेट बैंक, भूमि विकास बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, नाबार्ड, ई-बैंकिग, बैंको का राष्ट्रीयकरण व निजीकरण, आधुनिक अर्थव्यवस्था में बैंकों का महत्व ।
विज्ञान
कक्षा-शिक्षणः विषयवस्तु
• दैनिक जीवन में विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी (परिवहन, चिकित्सा, जनसंचार, मनोरंजन, उद्योग, कृषि, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, आधुनिक ईंधन, दूरस्थ शिक्षा)। मानव समाज को विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी से लाभ व हानियां।
दाब तथा वैज्ञानिक यंत्र
• जीव जन्तुओं के वाह्य एवं आंतरिक अंगों के कार्यों में विविधता ।
सूक्ष्य जीवों की दुनिया-संरचना तथा उपयोगिता, सूक्ष्म जीव-दोस्त या दुश्मन। भोज्य पदार्थों का परिरक्षण।
प्राकृतिक सम्पदा का संरक्षण एवं ब्रह्माण्ड जीवों का विलुप्तीकरण।
• कार्बन एवं उसके यौगिक ।
• असंक्रामक रोग/अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न रोग (मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारिया) कारण, निदान व उपचार।
• पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन, जलीय पौधों एवं जानवरों का प्राकृतिक वास, मरुद्भिद पौधों एवं जानवरों का प्राकृतिक वास। पर्यावरण असंतुलन में मानव का हस्तक्षेप, वन्य जीव जन्तुओं का संरक्षण कार्यक्रम, ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव, ओजोन-क्षरण, धरती का बढ़ता तापमान ।
ऊष्मा, प्रकाश एवं ध्वनि – ऊष्मा का मापन, संचरण व संवहन। प्रकाश स्रोत एवं संचरण,
प्रकाश का परावर्तन व अपवर्तन, गोलीय, अवतल व उत्तल दपर्ण द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना।
ध्वनि : संचरण, आवृत्ति व आवर्तकाल ।
हिन्दी
कक्षा-शिक्षणः विषयवस्तु
पाठ्यपुस्तक में आये प्रमुख कवियों और लेखकों का सामान्य परिचय। श्रुत सामग्री में प्रयुक्त शब्दों, मुहावरों, लोकोक्तियों का प्रसंगानुकूल प्रयोग।
राष्ट्रीय पाँ, मेला, त्योहार जैसे विषयों पर अपने शब्दों में गद्य अथवा पद्य में स्वतंत्र लेखन।
• कर्ता कर्म के अनुसार क्रिया में परिवर्तन, तत्सम, तद्भव देशज रूपों का परिचय, सरल संयुक्त व मिश्रित वाक्य, वाक्यांश के लिए एक शब्द का प्रयोग
पाठ्यपुस्तक के अतिरिक्त अन्य पाठ्यवस्तु को पढ़कर समझना।
. औपचारिक एवं अनौपचारिक परिस्थितियों के अनुरूप उपयुक्त भाषा का प्रयोग करना।
. अधिगम प्रतिफल का मूल्यांकन, शिक्षण प्रक्रिया एवं बच्चों के क्रियाकलापों के साथ, प्रथम दो कक्षाओं में मौलिक और प्रेक्षात्मक मूल्यांकन। तथा कक्षा-3 से आगे की कक्षाओं में अन्य तकनीकों के पूरकरूप में लिखित परीक्षा का संचालन ।
संस्कृत
संस्कृत वर्णपरिचय व उनके ध्वनि उच्चारण स्थान का ज्ञान
.सन्धि प्रकरण प्रकार, सूत्र, नियम निर्देश सहित सन्धि विग्रह एवं सन्धि करने का ज्ञान
. समास प्रकरण अव्ययीभाव, तत्पुरुष, कर्मधारय, द्विगु, बहुब्रीहि व द्वन्द्व समास का ज्ञान।
. शब्द रूप – शब्द प्रकार, वचन व विभक्तियों का ज्ञान
. कारक विभक्ति एवं चिह्न का ज्ञान
. सुभाषित श्लोकों का सस्वर पाठ व अनुकरण वाचन
. पाठ्यपुस्तक के अंशों का सुलेख, अनुलेख, श्रुतलेख एवं सरल अनुवाद ।
. संवाद पाठों पर आधारित संस्कृत में छोटे-छोटे वाक्यों की रचना करने का ज्ञान
. उपसर्ग, प्रत्यय एवं वाच्य परिवर्तन का ज्ञान
. एक से पचास तक संस्कृत संख्याओं का ज्ञान
धातुरूप – लट्, लोट्, लङ्, विधिलिङ् व लृट्लकार का पुरुष व वचन सहित ज्ञान
हिन्दी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद।
संभाव्य शिक्षण विधाएँ शिक्षक प्रशिक्षण में क्रियाकलाप आधारित शिक्षण-अधिगम का ज्ञान, मॉडल, गेम, वीडियो क्लिपऑडियो क्लिप, प्रयोग तैयार करके, श्यामपट्ट कार्य के द्वाराशब्द पट्टिका, चार्ट, कठिन शब्दों के चार्ट व उच्चारणाभ्यास के के द्वारा अभिनय व प्रश्नोत्तर, प्रशिक्षक-शिक्षक सहभागिता आदि के द्वारा प्रभावी शिक्षण के सम्भव है।
कम्प्यूटर शिक्षा
I.C.T. (Information & Communication Technology)
■ Introduction to ICT
. Introduction & Basic Concepts
Application & Benefits of ICT in education
Scope of ICT in education
I.C.T. in Education & Studies
■For Teachers
■ Use of ICT for knowledge enhancement
• Accessing Internet
• Using Websites (Wikipedia, open digital educational resources etc.)
• Using Search engines
• Communicating with Experts
Accessing CD-ROMs & DVDs
• Using digital content
• Accessing digital content
• Using eBooks
• Using eTutorials & training videos (YouTube etc.)
■ Use of ICT for education delivery
SMART CLASSES and Digital Blackboard
• Creating & using Slide-Presentations with Projectors
Educational A-Vs (Audio-Videos) Modules (Animated or Non-Animated or both)
• Using online elabs, eLibraries & eMuseum in classes
Delivering Distance Education through Digital/Online services ODL mode
EDUSAT
Classes through Teleconferencing & Video conferencing
Prasar Bharti’s education services
◆ Radio Service (‘Gyanvani’ Radio Station)
◆ Television Service (DoorDarshan’s ‘GyanDarshan’ Chanel)
• Query handling through Chat applications & Email
• eTutions through Online Web-Portals Moocs, DER etc.
■For Students
■Use of ICT for knowledge enhancement
Developing eContent through Internet
Digital Project Development
Accessing education through Radio and TV services
■ Doubt clearing through online chats with experts
■ Online Tests through Exam Web Portals (MeritNation. com etc)
■ eTutions
Accessing various competitive Exams information online
■ Job Search & Enquiries through Job Portals (Naukri. com, Monster. com etc.)
I.C.T. in School Management
■ Using Online services / tools
• Official Website for communication between school and students (and their guardians), School staff etc.
• Online complaint portal for queries and problem eradication
■ Using School Management Software application/tools
• Digitization of School Data for transparency (Attendance, Books, Uniforms, Test Scores etc.)
Data mining for effective decision making
■ ICT in office work
• Using Office packages for record maintenance & documentation
• Exchange of Emails for quick & cheap communication
• Teleconferencing & Video conferencing to save time & money