B.Ed vs BTC Teacher News Today: बीएड अभ्यर्थियों और बीटीसी (BEd vs BTC News) अभ्यर्थियों के बीच कई महीनों से एक अलग लड़ाई चल रही है और लगभग सभी लोग इससे परेशान हैं। 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है और इस फैसले के तहत सिर्फ बीटीसी करने वाले अभ्यर्थी ही प्राइमरी स्कूलों में शिक्षण कार्य करने के लिए अपनी योग्यता साबित कर पाएंगे (Primary Teacher) और बाकी अभ्यर्थी, मुख्य रूप से बीएड (BEd vs BTC News) करने वाले अभ्यर्थी ऐसी भर्तियों के लिए अयोग्य माने जाएंगे और वे प्राइमरी स्कूलों में शिक्षण कार्य करने के लिए अपनी योग्यता साबित नहीं कर पाएंगे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट (BEd vs BTC) ने इस विषय पर अपना फैसला सुनाया है आइये जानते है विस्तार से इस खबर को-
B.Ed vs BTC Teacher News Today: क्या हुआ है बदलाव
B.Ed vs BTC Teacher News Today: बीएड बनाम बीटीसी मामले में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है और इसी कड़ी में सोशल मीडिया और तमाम मीडिया पोर्टल्स (बीएड बनाम बीटीसी) पर एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार बीएड और बीटीसी पर जारी सुप्रीम कोर्ट के फैसले (बीएड बनाम बीटीसी) को मानते हुए इसमें बदलाव करेगी और सभी अभ्यर्थियों को, चाहे वो बीएड हों या बीटीसी, उन्हें प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने की पात्रता दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है (बीएड बनाम बीटीसी लेटेस्ट न्यूज़ 2024) और उत्तर प्रदेश सरकार किसी न किसी तरह से युवाओं को रोजगार देने की कोशिश कर रही है। फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार ने बीएड और बीटीसी के मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन संभव है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा लाए गए इस फैसले (बीएड बनाम बीटीसी लेटेस्ट न्यूज़ 2024) पर विचार करे और अभ्यर्थियों को सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के योग्य बनाए। हालाँकि, यह आसान नहीं होगा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना भी एक गंभीर मामला होगा।

B.Ed vs BTC Teacher News Today: एक नया मामला बीएड को लेके
B.Ed vs BTC Teacher News Today: दरअसल, जेएसएससी द्वारा सहायक प्राध्यापक के पदों पर नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक उत्तीर्ण एवं एक वर्षीय बीएड/दो वर्षीय बीएड/बीएड (विशेष शिक्षा) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक प्राध्यापक के पदों पर आवेदन की अनुमति दी गयी थी कि नियुक्ति के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान से स्वयं के खर्च पर अवसर के रूप में छह माह का ब्रिज कोर्स उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। बाद में विभाग ने नियमावली में संशोधन कर इसे हटा दिया।
इसके बाद आयोग ने इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक प्राध्यापक के पदों के लिए संशोधित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता प्रकाशित कर दी। अब आयोग ने पूर्व के प्रावधान के आधार पर इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक प्राध्यापक के लिए आवेदन जमा करने वाले 3,017 अभ्यर्थियों के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया है।आयोग ने गुरुवार को इन अभ्यर्थियों का पंजीयन जारी कर दिया।
आयोग ने अन्य कारणों से भी कई आवेदन अस्वीकृत किये हैं। कुल 13,339 आवेदन अस्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 9,772 अभ्यर्थियों ने केवल ऑनलाइन आवेदन का प्रारंभिक चरण ही पूरा किया और परीक्षा शुल्क का भुगतान नहीं किया। कुल 449 अभ्यर्थियों ने परीक्षा शुल्क का भुगतान किया, लेकिन अपने हस्ताक्षर अपलोड नहीं किए। कुल 101 अभ्यर्थियों ने 19 जनवरी 2024 को अपनी उम्मीदवारी रद्द होने के बाद रद्द किए गए पंजीकरण नंबर के साथ फिर से आवेदन किया था।