नमसकर दोस्तों आज मैं आप सभी के लिए लेके आया हूँ deled 2nd सेमेस्टर के सभी विषय के hand writing नोट्स जो आपके लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। जिनको पढ़ करके आप सभी बहुत ही अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है।
निर्देश-
1) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक प्रश्न के सम्मुख दिए गए हैं।
2) इस प्रश्न पत्र में तीन प्रकार के प्रश्न हैं। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखें। अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग तीस (30) शब्दो में, लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग पचास (50) शब्दों में लिखिए
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जाने किस विषय में कितने नंबर पे पास होंगे आप
सभी विषयों की पासिंग मार्क चलिए साथ में आपको यह भी बता देते हैं कि आप किस विषय में कितने नंबर पर पास मारे जाएंगे उसका डिटेल में तालिका नीचे दी गई है
25 नंबर पूर्णांक वाले पेपर में 12 नंबर लाना अनिवार्य है वरना फ़ेल माने जाएँगे
50 नंबर वाले पूर्णांक में 25 नंबर लाना अनिवार्य है वरना फ़ेल माने जाएँगे
नोट –
अगर आप 25 पूर्णांक वाले पेपर में 12 नंबर से नीचे पाते है तो फ़ेल माने जाएँगे । वही अगर आप 50 पूर्णांक वाले पेपर में 25 नंबर से नीचे पायेंगे तो फ़ेल माने जाएँगे ।
Extra Tips –
याद रखे डीएलएड़ में बहुत ही ज़्यादा बैक लगता है इसलिये आप अपनी तैयारी अच्छे से बहुत ज़्यादा अच्छी तैयारी करे ताकि आप अच्छे अंकों से पास हों।
सामाजिक अध्ययन शिक्षण
कक्षा शिक्षण : विषयवस्तु
- भारत वर्ष में प्रथम साम्राज्य की स्थापना – मौर्यकाल, गुप्तकाल, वर्धनवंश
- सामन्तवाद कालीन भारत-राजपूतों का उदय, प्रमुख राजवंश एवं उनकी सामाजिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियाँ।
- दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश – चालुक्य, पल्लव, चोल, राष्ट्रकूट एवं उनकी सामाजिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियाँ
- अरब में इस्लाम धर्म का उदय, भारत में इसका आगमन व प्रभाव, तुर्क आक्रमण – मुहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी, मोहम्मद गोरी के आक्रमण व उनका प्रभाव ।
- सल्तनतकालीन भारत-दिल्ली सल्तनत : स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण-दास या गुलामवंश, खिलजीवंश, तुगलक वंश-दक्षिण में बहमनी व विजयनगर राज्य की स्थापना। सल्तनत का विघटन-मंगोल आक्रमण व उसका प्रभाव – तैमूर व चंगेज खाँ, सैय्यद वंश व लोदी वंश।
- सल्तनत कालीन उपलब्धियाँ – प्रशासनिक, सांस्कृतिक, कलात्मक साहित्यिक, आर्थिक, सल्तनतकालीन समाज, भक्ति आंदोलन व सूफीमत ।
- सूर्य, पृथ्वी, चन्द्रमा व प्राकृतिक शक्तियों का मानव जीवन पर प्रभाव, चन्द्रमा की कलाएं, चन्द्रग्रहण, सूर्यग्रहण
- पृथ्वी के प्रमुख परिमण्डल-स्थलमण्डल, वायुमण्डल, जलमण्डल, जीवमंण्डल ।
- स्थलमण्डल-पृथ्वी की आंतरिक संरचना, शैल के प्रकार।
- धरातल के रूप बदलने वाले कारक -आंतरिक पंटलविरूपणी बल, आकस्मिक बल (बलितपर्वत ज्वालामुखी पर्वत, भूकम्प प्रकार एवं प्रभावित क्षेत्र)
- बाह्यबल अनाच्छादन – अपक्षय अपरदन एवं इनसे बनने वाली भू-आकृतियाँ
- वायुमण्डल-संघटन एवं संरचना, तापमान, वायुदाब, वायुदाबपेटियाँ, वायुमण्डल की आर्द्रता ।
- पवन के प्रकार-स्थायी एवं अस्थायी (व्यापारिक, पछुआ, ध्रुवीय और मानसूनी), चक्रवात एवं प्रति चक्रवात।
- जलमण्डल-समुद्र व उसकी गतियाँ – समुद्री धारायें तथा उनका तटवर्ती क्षेत्रों पर प्रभाव, ज्वार-भाटा।
- हमारा संविधान –
- संविधान किसे कहते हैं?
- संविधान के गठन की भूमिका।
- संविधान का गठन।
- संविधान की प्रस्तावना एवं विशेषताएँ।
- नागरिकता
- मौलिक अधिकार/मौलिक कर्तव्य
- नीति निदेशक तत्व
- उपभोक्ता जागरूकता – उपभोक्त शोषण के प्रकार, उपभोक्ताओं के अधिकार और कर्तव्य, उपभोक्ता सुरक्षा के उपाय
- भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान – भारतीय कृषि की प्रमुख विशेषताएँ व महत्व, भारतीय कृषि में उत्पादकता, हरित क्रान्ति व इसका प्रभाव, आर्थिक विकास, कृषि विकास हेतु सरकार द्वारा अपनाए गये उपाय – भारतीय कृषि नीति
- मुद्रा-मुद्रा का अर्थ एवं प्रकार, साख मुद्रा, चेक, बैंक ड्राफ्ट, प्रतिज्ञा पत्र, हुण्डी, ग्रेशम का नियम, मुद्रा स्फीति, मुद्रा अपस्फीति, मुद्रा संकुचन, मुद्रा का अवमूल्यन – अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय रुपये का मूल्य, भारत की मौद्रिक नीति
- भारत का औद्योगिक विकास प्रमुख उद्योग-लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, भारत की नई औद्योगिक नीति, बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ
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